श्रेयस अय्यर के लिए पिछली कुछ साल विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण रही हैं। वर्ष 2024-25 के घरेलू सीज़न की शुरुआत उनके लिए निराशाजनक रही थी, लेकिन रणजी ट्रॉफी में ओडिशा के खिलाफ लगातार दूसरा शतक लगाकर अय्यर ने शानदार वापसी की है। यह हज़ारों क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक हर्ष का विषय था जब अय्यर ने 101 गेंदों में यह शतक पूरा किया। इसे देखकर यह स्पष्ट हो गया कि उनकी कड़ी मेहनत और धैर्य आखिरकार रंग लाया है।
सीजन की शुरुआत में अय्यर के लिए यह बड़ा झटका था कि उन्हें भारतीय क्रिकेट बोर्ड के केंद्रीय अनुबंध की सूची से बाहर कर दिया गया। उन्हें याद किया गया था कि वे घरेलू खेलों में नहीं खेले थे, लेकिन उनका आईपीएल और अंतरराष्ट्रीय करियर दोनों ही अच्छे से नहीं चल रहा था। इस अशांत परिस्थितियों में अय्यर ने अपनी प्राथमिकता के तौर पर रणजी मैचों में प्रदर्शन करने का ठान लिया। ओडिशा के खिलाफ उनका अच्छा प्रदर्शन उनकी इस समस्या का जवाब था।
अय्यर के साथ आयुष माटरे और कप्तान अजिंक्य रहाणे का योगदान मुंबई के लिए महत्वपूर्ण रहा। Although माटरे केवल 18 रन ही बना सके और रहाणे गोल्डन डक (पहली ही गेंद पर आउट) पर आउट हो गए, महाराज में आत्मविश्वास था कि श्रेयस अय्यर और सिद्धेश लाड की जोड़ी अपने अनुभव और तकनीक की बदौलत टीम को उंचाईयों तक ले जाएगी।
2024 में धुलिप ट्रॉफी में 154 रन और इरानी कप में असफलता के बाद, अय्यर की चुनौतियाँ बढ़ी। पिछली कुछ पारियों में उनके स्कोर ने उनके फॉर्म पर सवाल खड़ा किया था। ऐसा लग रहा था कि उनके बल्लेबाजी में आत्मविश्वास की कमी हो गई है। अपने शारीरिक स्वास्थ्य और लगातार पीठ दर्द की शिकायत ने उनके खेल को प्रभावित किया। लेकिन उनके इस प्रदर्शन से यह साबित हो गया कि यदि खिलाड़ी मेहनती और धैर्यवान हो, तो वो किसी भी चुनौती को पार कर सकता है।
ये शतक निश्चित रूप से श्रेयस के आत्मविश्वास को बढ़ाने वाला है। क्रिकेट के जानकारों का मानना है कि अगर अय्यर इसी तरह अपने खेल को मजबूत करते रहें, तो जल्द ही उन्हें भारतीय टेस्ट टीम में भी जगह मिल सकती है। उनके इस फॉर्म को देखकर चयनकर्ताओं का ध्यान निश्चय ही उन पर जाएगा। श्रेयस अय्यर की इस सफलता से केवल उनकी ही नहीं बल्कि मुंबई की टीम की भी उम्मीदें बढ़ गई हैं, जो रणजी ट्रॉफी को जीतने के लिए जी-जान लगाकर खेल रही है।
अय्यर ने अपने इस शतक के बाद कोच और टीम के सदस्यों का विशेष धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि उन्हें हमेशा उनकी टीम और कोचिंग स्टाफ का समर्थन मिला है, जो उनके लिए प्रेरणा का काम करता है। इस प्रकार की टीम समर्थन ने ही उन्हें मैदान में शानदार प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित किया।