जब टाटा मोटर्स लिमिटेड ने 1 अक्टूबर 2025 से लागू होने वाले डिमर्जर की घोषणा की, तो बाजार में हलचल से हटकर शेयरधारकों के लिए कई सवाल जागते दिखे। कंपनी ने बताया कि इस कदम से दो नई सूचीबद्ध इकाइयाँ बनेंगी – टीएमएल कमर्शियल व्हीकल्स लिमिटेड (TMLCV) और टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स लिमिटेड (TMPVL) – और प्रत्येक टाटा मोटर्स शेयरधारक को एक‑एक TMLCV शेयर मिलेगा।
डिमर्जर की प्रक्रिया एक साल से अधिक समय से टाटा समूह के बोर्ड में चल रही थी। अंतिम मंजूरी नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) द्वारा अनुमोदितभारत हुई, जहाँ 25 अगस्त 2025 को जारी आदेश का एक प्रमाणित प्रतिलिपि 10 सितंबर 2025 के संशोधित आदेश के साथ मिला। कंपनी ने 26 सितंबर को बीएसई और एनएसई को फाइलिंग में यह जानकारी सौंप दी।
डिमर्जर के साथ प्रबंधन में भी महत्वपूर्ण बदलाव हुए। नई कमर्शियल वाहन इकाई के प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) का पद गिरीश वाघ संभालेंगे। वह पहले टाटा मोटर्स के इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रोजेक्ट का प्रमुख थे, इसलिए इस भूमिका में उनका तकनीकी ज्ञान महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
वहीं पैसेंजर वाहन इकाई के प्रमुख बनेंगे शैलेश चंद्रा, जिन्होंने टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक के रूप में कार्य किया है। कंपनी के एक प्रवक्ते ने कहा, "शैलेश की इलेक्ट्रिक रणनीति और ग्राहक‑उन्मुख दृष्टिकोण TMPVL को वैश्विक EV बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाएगा।"
डिमर्जर के बाद शेयरधारकों को मिलने वाला TMLCV शेयर काफी सुगम माना जा रहा है। कई विश्लेषकों ने यह सुझाव दिया कि 1:1 शेयर अलाउंस से मौजूदा शेयरधारकों की इक्विटी पर बहुत अधिक क्षरण नहीं होगा, बल्कि यह दो स्वतंत्र इकाइयों में अधिक स्पष्ट मूल्यांकन की संभावना देगा।
एक प्रमुख ब्रोकरेज हाउस के मुख्य विश्लेषक अमित वर्मा ने कहा, "टाटा मोटर्स की कुल बाजार पूंजी लगभग 4.2 ट्रिलियन रुपये है, और डिमर्जर से दो कंपनियों के एंटरप्राइज वैल्यू को बेहतर तरीके से प्रतिबिंबित किया जा सकेगा। यदि TMLCV को ट्रक‑सेगमेंट में 30% बाजार हिस्सेदारी मिलती है, तो उसकी डिविडेंड क्षमता काफी बढ़ेगी।"
दूसरी ओर, छोटे निवेशकों ने रिकॉर्ड डेट के करीब एक महीना पहले शेयर बेचने की योजना बनाई है, जिससे कुछ समय के लिए ट्रेडिंग वॉल्यूम में हल्की बढ़ोतरी देखी गई। बैंकर सुभाष बघेल, जो टाटा की रिटेल डिवीजन संभालते हैं, ने बताया, "हम सलाह देते हैं कि निवेशक दीर्घकालिक दृष्टिकोण रखें, खासकर उन लोगों के लिए जो इलेक्ट्रिक वाहन में स्थायी रिटर्न की तलाश में हैं।"
डिमर्जर का प्रमुख लक्ष्य संचालन को अधिक फोकस्ड और कुशल बनाना है, लेकिन यह प्रक्रिया कुछ नियामकीय बाधाओं से भी जूझ सकती है। विशेषकर ट्रक‑सेगमेंट में पर्यावरणीय नियमों की सख्ती बढ़ रही है, जिससे TMLCV को नई तकनीकी निवेश करनी होगी।
दूसरी ओर, TMPVL के लिए इलेक्ट्रिक कार का बाजार अभी भी विकासशील है। कंपनी को चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर और बैटरी सप्लाई चेन को मजबूत करना होगा। उद्योग विशेषज्ञ मानते हैं कि सरकारी EV सब्सिडी और कार्बन टैक्स में बदलाव TMPVL के लघु‑और‑मध्यम अवधि के लाभ को प्रभावित कर सकता है।
कुल मिलाकर, टाटा समूह का यह कदम एक रणनीतिक पुनर्गठन है, जो दोनों इकाइयों को स्वतंत्र रूप से फंडिंग, निवेश और साझेदारी खोजने की सुविधा देगा। अगला कदम NCLT के आदेश के बाद शेयरधारकों को रिकॉर्ड डेट की सूचना देना और दो कंपनियों को नियामक अनुमोदन के साथ लिस्टिंग प्रक्रिया में आगे बढ़ाना होगा।
प्रत्येक टाटा मोटर्स के शेयर के बदले शेयरधारकों को TMLCV का एक शेयर दिया जाएगा, यानी 1:1 अनुपात में शेयर आवंटन होगा। साथ ही 2,300 करोड़ रुपये के नॉन‑कन्वर्टिबल डिबेंचर कमर्शियल यूनिट को स्थानांतरित किए जाएंगे।
रिकॉर्ड डेट अक्टूबर 2025 के मध्य में निर्धारित की गई है। कंपनी ने शेयरधारकों को इस तिथि के करीब सभी जरूरी दस्तावेज़ और शेयर आवंटन का विवरण देने का वचन दिया है।
टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स लिमिटेड (TMPVL) और टीएमएल कमर्शियल व्हीकल्स लिमिटेड (TMLCV) दोनों को नवंबर 2025 के अंत तक बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में सूचीबद्ध करने की योजना है।
डिमर्जर का उद्देश्य दो व्यवसायिक खंडों – कमर्शियल और पैसेंजर – को स्वतंत्र रूप से प्रबंधन, फंडिंग और रणनीतिक निर्णय लेने की सुविधा देना है। इससे दोनों इकाइयों को अपने‑अपने बाजार में फोकस बढ़ाने, लागत घटाने और एजीटिव एंटरप्राइज वैल्यू को स्पष्ट करने में मदद मिलेगी।
डिमर्जर से जुड़ी मुख्य जोखिमों में नियामकीय मंजूरी में देरी, नई इकाइयों के बाजार मूल्यांकन में अस्थिरता और EV सेक्टर में सरकारी नीतियों का परिवर्तन शामिल हैं। फिर भी, विश्लेषकों के अनुसार, दीर्घकालिक लाभ संभावित जोखिमों से अधिक हो सकते हैं।
Vibhor Jain
सितंबर 30, 2025 AT 21:26डिमर्जर के बाद शेयरधारक को मिल रहा बोनस शेयर।