आज राजस्थान के 66 लाख 62 हजार किसानों के लिए एक ऐसा दिन था जिसे वे लंबे समय तक याद रखेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम-किसान उत्सव दिवस के अवसर पर पीएम किसान सम्मान निधि योजना की 21वीं किस्त को कोयम्बटूर, तमिलनाडु से ट्रांसफर किया। राजस्थान के किसानों के बैंक खातों में 1,332 करोड़ रुपये की राशि पहुंची — एक ऐसी धनवर्षा जो बारिश की बजाय बैंक नोटिफिकेशन से आई। देशभर में 9 करोड़ किसानों को इस किस्त में 18,000 करोड़ रुपये मिले, लेकिन राजस्थान ने अपने आंकड़ों से अपनी भूमिका को मजबूत किया।
25 हजार करोड़ रुपये का इतिहास: किसानों को मिला बंपर लाभ
यह सिर्फ एक किस्त नहीं, बल्कि एक यात्रा का नया पड़ाव है। जब 2019 में पीएम किसान योजना शुरू हुई, तो किसानों को सिर्फ 6,000 रुपये सालाना मिलने का वादा था। अब तक 20 किस्तों में राजस्थान के किसानों को 25,142 करोड़ रुपये पहुंच चुके हैं। यह रकम किसी भी राज्य में किसी भी योजना के तहत दी गई सबसे बड़ी राशि में से एक है। यहां तक कि राज्य के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा, "हम देश में पांचवें स्थान पर हैं — लेकिन यह स्थान हमने अपनी मेहनत से बनाया है।"
राज्य की अतिरिक्त धारा: 3,000 रुपये का अतिरिक्त सम्मान
केंद्र सिर्फ 6,000 रुपये देता है, लेकिन राजस्थान ने इसे नहीं रोकने का फैसला किया। भजनलाल शर्मा ने बताया कि राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत हर किसान को अतिरिक्त 3,000 रुपये सालाना दिए हैं। इससे किसानों को अब 9,000 रुपये वार्षिक सम्मान मिल रहा है। और यह अभी अंत नहीं — राज्य सरकार इसे 12,000 रुपये तक बढ़ाने की तैयारी कर रही है। यह एक ऐसा कदम है जो दूसरे राज्यों को भी प्रेरित कर सकता है।
बजट 2025: किसानों के लिए बड़े निर्णय
राजस्थान का बजट 2025 किसानों के लिए एक जीत का दस्तावेज है। वित्त मंत्री ने कई ऐसी घोषणाएं कीं जिन्होंने किसानों के लिए नए रास्ते खोल दिए। प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना के तहत 50 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया। 75,000 किसानों को तारबंदी के लिए 325 करोड़ रुपये, और 2,000 किसानों को पॉलीहाउस और मल्चिंग के लिए 225 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। यह सिर्फ धन नहीं, बल्कि भविष्य की नींव है।
आपदा राहत: 43 लाख किसानों को 2,600 करोड़ रुपये
पिछले साल बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने राज्य के 24 जिलों के 14,687 गांवों को तबाह कर दिया। आपदा राहत मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल ने बताया कि 43 लाख 39 हजार किसानों को एसडीआरएफ नियमों के तहत 2,600 करोड़ रुपये की राहत राशि दी जाएगी। यह राशि उनके लिए सिर्फ बचाव नहीं, बल्कि नए बीज खरीदने का अवसर है। यह वही जगह है जहां सरकार ने वादा किया था — "किसान कभी अकेला नहीं रहेगा।"
केंद्र का भी साथ: खरीफ 2025-26 के लिए 9,436 करोड़ रुपये की खरीद
राजस्थान के किसानों के लिए यह बात खास है कि केंद्र सरकार ने खरीफ 2025-26 के लिए राज्य में मूंग, उड़द, मूंगफली और सोयाबीन की रिकॉर्ड 9,436 करोड़ रुपये की खरीद की मंजूरी दी है। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसे "किसान हितैषी नीति" का प्रतीक बताया। यह खरीद बाजार में कीमतों को स्थिर रखेगी — और यह बहुत जरूरी है, क्योंकि पिछले वर्ष अनाज की कीमतें उतार-चढ़ाव के कारण किसानों को बहुत नुकसान पहुंचा था।
अगली किस्त कब? और फिर क्या?
अगली किस्त दिसंबर 2025 में आने की पूरी संभावना है। यह टाइमिंग अहम है — जब खरीफ की फसल बाजार में आएगी, तब तक धन का आवागमन हो जाएगा। राज्य सरकार अभी 12,000 रुपये वार्षिक सम्मान निधि की तैयारी कर रही है। यह निर्णय केवल राजस्थान के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए एक मिसाल हो सकता है। और यही बात है जो इस योजना को वास्तविक बनाती है — यह नियमित, भरोसेमंद और बढ़ती हुई है।
किसानों के लिए अन्य बड़े कदम
1 लाख भूमिहीन कृषि श्रमिकों को 5,000 रुपये के कृषि उपकरण निशुल्क दिए जाएंगे। मिड-डे मील और आंगनबाड़ी योजनाओं में श्री अन्न बाजरा शामिल किया जाएगा — जिससे न केवल किसानों को बाजार मिलेगा, बल्कि पोषण भी बढ़ेगा। 1,000 हेक्टेयर में नेना यूरिया के छिड़काव के लिए अनुदान दिया गया है। और 5,735 पैक्स गो-लाइव हो चुके हैं — यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए एक नया ब्रेकथ्रू है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
पीएम किसान निधि की 21वीं किस्त किस तारीख को आई?
21वीं किस्त 2025 के अंत तक ट्रांसफर की गई है, जिसका आधिकारिक घोषणा दिन 2025 के अंत में राष्ट्रीय स्तर पर हुआ। राजस्थान में राशि दिसंबर 2025 के अंत तक किसानों के खातों में पहुंच चुकी है। अगली किस्त दिसंबर 2025 में आने की संभावना है, जो खरीफ की फसल बाजार में आने से पहले किसानों के लिए आर्थिक सहारा बनेगी।
राजस्थान के किसानों को केंद्र और राज्य सरकार से कुल कितना सम्मान निधि मिल रहा है?
केंद्र सरकार 6,000 रुपये प्रति वर्ष देती है, जबकि राजस्थान सरकार 3,000 रुपये अतिरिक्त देती है। इससे किसानों को कुल 9,000 रुपये मिल रहे हैं। अगले वित्तीय वर्ष तक इसे 12,000 रुपये तक बढ़ाने की योजना है, जो देश में किसी भी राज्य की सबसे बड़ी वार्षिक सम्मान राशि होगी।
राजस्थान में आपदा राहत राशि किस आधार पर दी गई?
आपदा राहत राशि 43 लाख 39 हजार किसानों को बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि और बाढ़ से हुए नुकसान के आधार पर दी गई। राज्य के 24 जिलों के 14,687 गांव प्रभावित थे। यह राहत राज्य आपदा राहत निधि (SDRF) के नियमों के तहत वितरित की जा रही है, जिसमें फसल नुकसान, भूमि क्षति और उपकरण नुकसान शामिल हैं।
केंद्र सरकार ने राजस्थान में किस फसल की खरीद के लिए सबसे अधिक राशि मंजूर की?
खरीफ 2025-26 के लिए केंद्र ने मूंग, उड़द, मूंगफली और सोयाबीन की रिकॉर्ड 9,436 करोड़ रुपये की खरीद की मंजूरी दी है। यह राशि देश के किसी भी राज्य में इन फसलों के लिए सबसे बड़ी है। इसका उद्देश्य किसानों को बाजार कीमतों के झूले से बचाना है और उन्हें निश्चित आय प्रदान करना है।
राजस्थान के किसानों को कितने ब्याजमुक्त ऋण दिए गए हैं?
अब तक राजस्थान सरकार ने 77 लाख से अधिक किसानों को 43,000 करोड़ रुपये से अधिक का ब्याजमुक्त फसली ऋण दिया है। यह ऋण फसल बोने के लिए दिया जाता है और इसकी शर्त यह है कि ऋण लेने वाला किसान अपनी फसल को निर्धारित समय पर बेचे। इससे किसानों के ऋण बोझ में काफी कमी आई है।
क्या राजस्थान में किसानों के लिए कोई नया डिजिटल प्लेटफॉर्म शुरू हुआ है?
हां, राज्य सरकार ने 5,735 "पैक्स गो-लाइव" किए हैं — ये डिजिटल किसान सेवा केंद्र हैं जहां किसान अपनी फसलों की कीमत, बीज, उर्वरक और बीमा की जानकारी एक ही जगह प्राप्त कर सकते हैं। इन केंद्रों के माध्यम से 2025 तक 1.5 करोड़ किसानों तक पहुंचने का लक्ष्य है।