भारतीय क्रिकेट जगत में इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) को एक बेहतरीन प्लेटफ़ॉर्म माना जाता है जहां युवा और अनुभवी खिलाड़ी अपनी प्रतिभा दिखाते हैं। लेकिन जब बात आती है अंतरराष्ट्रीय मंच पर, जैसे कि एशिया कप, तो तस्वीर कुछ और होती है। कई बार हम देखते हैं कि जो खिलाड़ी आईपीएल में चमकदार प्रदर्शन करते हैं, वे एशिया कप जैसे प्रतियोगिताओं में संघर्ष करते दिखाई देते हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि उनकी मोटी तनख्वाह और अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शन के बीच क्या संबंध है?
एक प्रमुख उदाहरण ईशान किशन का है, जो आईपीएल 2023 में मुंबई इंडियंस ने 15.25 करोड़ रुपये में खरीदा था। लेकिन एशिया कप में वही किशन पड़ोसी देशों के खिलाफ संघर्ष करते दिखे। पाकिस्तान के खिलाफ वे केवल 2 रन बना सके और श्रीलंका के खिलाफ उनका खाता भी नहीं खुला। यह प्रदर्शन एक अलग तस्वीर पेश करता है जहां आईपीएल की बड़ी रकम और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन में कोई संबंध नहीं दिखाई देता।
इसी प्रकार, युजवेंद्र चहल और श्रेयस अय्यर जैसे खिलाड़ी भी आईपीएल में उनकी अनुबंध राशि के मुकाबले एशिया कप में प्रदर्शन करने में असमर्थ रहे। युजवेंद्र चहल को राजस्थान रॉयल्स ने 6.5 करोड़ में खरीदा था जबकि श्रेयस अय्यर को कोलकाता नाइट राइडर्स ने 12.25 करोड़ में रीटेन किया था। लेकिन उनके अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शन ने प्रशंसकों और चयनकर्ताओं को हैरत में डाल दिया है।
इसके विपरीत, मोहम्मद शमी का मामला है। शमी भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी रहे हैं लेकिन आईपीएल की तुलना में अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में उनकी भूमिका अपेक्षाकृत कम होती है। एशिया कप में भी उन्हें केवल एक मैच का मौका मिला, जबकि जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज जैसे गेंदबाजों को प्राथमिकता दी गई। यह दर्शाता है कि कभी-कभी टीम प्रबंधन की रणनीति भी खिलाड़ियों के प्रदर्शन को प्रभावित करती है।
यह समझना आवश्यक है कि आईपीएल का मंच खिलाड़ियों के लिए एक बड़ा आर्थिक अवसर जरूर हो सकता है लेकिन यह तथ्य भी स्वीकार करना चाहिए कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उनकी प्रतिभा और क्षमता की सही परीक्षा होती है। आईपीएल की सफलताओं पर निर्भर करना पर्याप्त नहीं है; खिलाड़ियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उतने ही प्रभावशाली हों। क़सौटी पर खरा उतरने के लिए टीमें उन्हें चुना करती हैं और यही वो मंच है जहां असली क्रिकेटर्स अपनी पहचान बनाते हैं।
इस प्रकार, आईपीएल की बड़ी धनराशि और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में खिलाड़ियों के प्रदर्शन के बीच में सही तालमेल बनाना महत्वपूर्ण है। क्रिकेट प्रेमियों का भी यह दायित्व है कि वे केवल बड़े रकम वाले अनुबंधों पर उत्साहित न हों, बल्कि खिलाड़ियों के अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शन पर भी ध्यान दें। क्रिकेट एक खेल मात्र नहीं, बल्कि एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है और खिलाड़ियों का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन उनकी असली योग्यता को दर्शाता है।
इस लेख का उद्देश्य यह उजागर करना है कि किस प्रकार क्रिकेट में विभिन्न प्लेटफार्मों पर खिलाड़ियों का प्रदर्शन एकमत नहीं होता है और एक खिलाड़ी की सफलता पूरी तरह से उसके अनुबंध पर निर्भर नहीं होती है। यह समझना और स्वीकार करना आवश्यक है कि हर टूर्नामेंट की अपनी मांग होती है और खिलाड़ियों को उन मांगों के अनुसार अपने खेल को ढालना होता है। क्रिकेट केवल आंकड़ो का खेल नहीं बल्कि कड़ी मेहनत और लगन का भी खेल है।