इंग्लैंड के प्रमुख T20 बल्लेबाज डेविड मलान ने 36 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा कर दी है। अपने क्रिकेट करियर के दौरान मलान ने 22 टेस्ट, 30 वनडे और 62 T20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले। अपने प्रदर्शन की चरम सीमा पर वे 2020 में T20 बल्लेबाजों की रैंकिंग में शीर्ष पर थे और 2022 T20 वर्ल्ड कप विजेता इंग्लैंड टीम का हिस्सा रहे।
डेविड मलान की सफलता मुख्य रूप से सफेद गेंद क्रिकेट में थी। हालाँकि, वे टेस्ट क्रिकेट में वही सफलता प्राप्त नहीं कर पाए। उन्होंने कहा कि टेस्ट क्रिकेट की मानसिक और शारीरिक मांगें उनकी क्षमताओं से अधिक थीं। द टाइम्स ऑफ लंदन को दिए एक इंटरव्यू में डेविड मलान ने बताया, 'मैं तीनों फॉर्मेट्स को बहुत ही गंभीरता से लेता था, लेकिन टेस्ट क्रिकेट की तीव्रता कुछ और ही थी। मैच के पाँच दिन और उनके पहले के दिन सभी बहुत ही थकान भरे होते थे।’
मलान ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत शानदार तरीके से की थी। उन्होंने तेज गति से रन बनाए, विशेष रूप से T20 क्रिकेट में। 2020 में उन्हें T20 बल्लेबाजी की विश्व रैंकिंग में सर्वोच्च स्थान प्राप्त हुआ। मलान ने अपनी टीम के लिए कई महत्वपूर्ण पारियां खेलीं। वो मैदान पर अपनी तकनीकी कौशल और शांत एवं ठोस स्वभाव के लिए जाने जाते थे।
जिस समय मलान शीर्ष पर थे, उन्होंने इंग्लैंड टीम को कई मैच जिताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वह 2022 T20 विश्व कप जीतने वाली इंग्लैंड टीम का हिस्सा भी थे। लेकिन, उनके लिए टेस्ट क्रिकेट खेलना इतनी सहज बात नहीं रही। लंबे समय तक चलने वाली टेस्ट सीरीज में उनका प्रदर्शन अक्सर तीसरे या चौथे टेस्ट के बाद गिरने लगता था। उन्होंने कहा, 'मैं एक बड़ा ट्रेनर हूं; मुझे ढेर सारे गेंदों का सामना करना और गंभीरता से तैयारी करना पसंद है। लेकिन लंबे और तीव्र दिनों के दौरान मैं स्विच ऑफ नहीं कर पाता था।’
डेविड मलान ने अपने संन्यास का मुख्य कारण टेस्ट क्रिकेट की तीव्रता बताया। उन्होंने कहा कि टेस्ट क्रिकेट के मानसिक और शारीरिक मांगों के कारण वह खुद को संतुलित नहीं कर पाते थे। जैसे-जैसे लम्बी सीरीज चलती जाती थी, वैसे-वैसे उनका प्रदर्शन गिरता जाता था। यह उन्हें मानसिक रूप से बहुत ही थका देने वाला लगा। मलान ने यह भी कहा कि उन्होंने अपने करियर में तीनों फॉर्मेट्स को पूरी गंभीरता से लिया, लेकिन टेस्ट क्रिकेट की तीव्रता उनके लिए काफी भिन्न थी।
मलान अब अपने परिवार के साथ अधिक समय बिताने का इरादा रखते हैं और भविष्य में कोचिंग या कमेंट्री के क्षेत्र में अपना करियर बनाने की सोच रहे हैं। उन्होंने अपने प्रशंसकों और टीम के साथियों का आभार व्यक्त किया है, जिन्होंने उनके करियर में हमेशा समर्थन किया।
संन्यास के बाद मलान का ध्यान अपने परिवार और व्यक्तिगत जीवन पर रहेगा, जिससे वह एक ताजगी महसूस करेंगे। उन्होंने कहा, ‘मेरे द्वारा किए गए योगदानों का सम्मान हुआ है और मैंने अपने करियर के हर पल का आनंद लिया है।’
डेविड मलान के क्रिकेट योगदान को न भूलना महत्वपूर्ण है। उन्होंने अपनी टीम के लिए महत्वपूर्ण पारियां खेली और अपने प्रदर्शन से हमेशा टीम के लिए मूल्यवान साबित हुए। उनकी बल्लेबाजी तकनीक और खेल के प्रति दृष्टिकोण ने उन्हें एक उत्कृष्ट खिलाड़ी बनाया।
भले ही मलान का टेस्ट क्रिकेट के प्रति अनुभव इतना सकारात्मक न रहा हो, लेकिन उन्होंने सफेद गेंद क्रिकेट में अपनी छाप छोड़ी है। उनकी उपलब्धियाँ और क्रिकेट के प्रति उनका समर्पण हमेशा याद रखा जाएगा।
डेविड मलान के इस फैसले से इंग्लैंड क्रिकेट टीम को एक बड़ा झटका लगा है। लेकिन, उनके भविष्य के प्रयासों और नई भूमिकाओं में सफलता की कामना की जाती है।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद, मलान अब नए अवसरों के लिए तैयार हैं और हमें विश्वास है कि वे अपने नए सफर में भी उन्हीं ऊँचाइयों को छूएंगे, जैसा उन्होंने अपने क्रिकेट करियर में किया।