नीरज चोपड़ा ने पेरिस ओलंपिक में पुरुषों की जेवलिन थ्रो के फाइनल के लिए 89.34 मीटर थ्रो के साथ क्वालिफाई किया है, जो उनकी ग्लोबल चैंपियनशिप में अब तक की सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है और उनका दूसरा सबसे बेहतरीन थ्रो है। यह थ्रो इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इस साल की शुरुआत में नीरज को एंडडक्टर समस्या से जूझना पड़ा था, बावजूद इसके उन्होंने सिर्फ तीन स्पर्धाओं में भाग लिया और अपना शानदार फॉर्म बरकरार रखा है।
नीरज चोपड़ा इस साल अपनी परेशानी के बावजूद निष्क्रिय नहीं रहे हैं। 26 वर्षीय विश्व चैंपियन ने इस साल की शुरुआत में केवल तीन स्पर्धाओं में भाग लिया था, लेकिन हर बार उन्होंने अपनी शानदार कौशल और दमखम का प्रदर्शन किया है। नीरज का 89.34 मीटर का थ्रो न केवल उनकी व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ में से एक है बल्कि इस साल अब तक का उनका सर्वोच्च थ्रो है। इससे यह भी साफ हो गया कि नीरज एक बार फिर से ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने के लिए एक मजबूत दावेदार हैं।
नीरज चोपड़ा का लक्ष्य है कि वह ओलंपिक में एक बार फिर से स्वर्ण पदक जीतें, जिससे वह ओलंपिक इतिहास में दो स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय बन सकें। इसके अलावा, वह ओलंपिक इतिहास में जेवलिन थ्रो में अपने खिताब का बचाव करने वाले पांचवे व्यक्ति भी बन सकते हैं। इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य के पीछे उनकी मेहनत और धैर्य का एक बड़ा हिस्सा है, जो आज उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया है।
नीरज चोपड़ा की प्रमुख प्रतिस्पर्धियों में जर्मनी के जूलियन वेबर, पूर्व विश्व चैंपियन एंडरसन पीटर्स और चेक गणराज्य के याकूब वाडलेज शामिल हैं। इनमें से हर एक एथलीट का अनुभव और कौशल बेहद उच्च स्तर का है और नीरज को स्वर्ण पदक जीतने के लिए अपनी पूरी शक्ति और संयम का प्रदर्शन करना होगा। इसके अलावा पाकिस्तान के अर्शद नदीम ने भी फाइनल के लिए क्वालिफाई किया है और वह भी एक महत्वपूर्ण दावेदार साबित हो सकते हैं।
नीरज चोपड़ा के साथ भारतीय एथलीट किशोर जेना ने भी फाइनल के लिए अपनी किस्मत आजमाई, लेकिन उनके 80.73 मीटर के थ्रो के साथ वह फाइनल में स्थान नहीं बना सके। किशोर के थ्रो में सुधार की गुंजाइश थी, लेकिन अपने पहले बड़े अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में उन्होंने निश्चित रूप से अनुभव अर्जित किया है, जो आगे आने वाले समय में उनके प्रदर्शन को बेहतर बनाने में मददगार साबित हो सकता है।
जेवलिन थ्रो का फाइनल मुकाबला 8 अगस्त को रात 11:50 बजे होने वाला है, जिसे लेकर सभी उत्साहित हैं। नीरज चोपड़ा और अन्य प्रतिस्पर्धियों ने अपनी तैयारियों में कोई कमी नहीं छोड़ी है और हर कोई अपनी सर्वोत्तम प्रदर्शन के लिए तत्पर है। भारतीयों के लिए यह एक बड़ी रात हो सकती है, जबकि पूरी दुनिया की निगाहें इस रोमांचक मुकाबले पर टिकी होंगी।
नीरज चोपड़ा की कहानी प्रेरणा और संघर्ष की मिसाल है, जिसने उन्हें न केवल एक एथलीट के रूप में बल्कि एक सम्मानित व्यक्ति के रूप में भी उभारा है। उनके प्रदर्शन से न केवल भारत, बल्कि विश्वभर के एथलेटिक्स प्रेमियों की उम्मीदें बढ़ गई हैं।
आइए, हम सब मिलकर नीरज को उनके इस महत्तवपूर्ण फाइनल के लिए शुभकामनाएं दें और आशा करें कि वह एक बार फिर से भारत का नाम रोशन करें।