कभी जिस मुंबई इंडियंस (MI) की बल्लेबाजी की सभी टीमें धाक मानती थीं, अब इसी टीम की हालत अजीब हो गई है। वानखेड़े स्टेडियम में गुजरात टाइटंस (GT) के खिलाफ एक और हार के साथ उनकी कमजोरियां खुलेआम सामने आ गई हैं। इस मैच में मुंबई इंडियंस सिर्फ 155/8 रन ही बना पाई, जहां न तो टॉप ऑर्डर टिक पाया और न ही मिडिल ऑर्डर ने कोई कैरेक्टर दिखाया।
सबसे ज्यादा चिंता की बात ये रही की रोहित शर्मा की बैटिंग पूरी तरह से फ्लॉप रही। उन्होंने सिर्फ 8 गेंदों में 7 रन बनाए और एक बार फिर उनके बल्ले से आयी खामोशी ने चर्चा पकड़ ली। विपक्षी गेंदबाजों, खासतौर से अर्शद खान और आर साई किशोर, ने रोहित को जल्दी पैवेलियन भेजकर दबाव बनाना शुरू किया। कप्तान हार्दिक पांड्या भी सिर्फ 1 रन बनाकर चलते बने।
टीम के लिए राहत देने वाला कोई रोल निभाया तो वो रहा विल जैक्स की 35 गेंदों में 53 और सूर्यकुमार यादव का 24 गेंदों में 35 रन। दोनों ने तीसरे विकेट के लिए 71 रनों की साझेदारी की, लेकिन इसके बाद बैटिंग एकदम बिखर गई। न कोई टिककर खेला, न कोई साझेदारी। यही वजह रही कि आखिरी ओवरों में कोर्बिन बॉश ने ताबड़तोड़ 27 रन जरूर जोड़े, लेकिन स्कोर इतना नही बढ़ पाया कि गुजरात को चुनौती मिलती।
गुजरात टाइटंस के गेंदबाजों ने अलग-अलग तरीकों से मुंबई को परेशान किया। आर साई किशोर ने 2/34 के आंकड़े के साथ जबरदस्त गेंदबाजी की, तो प्रसिध कृष्णा और अर्शद खान ने रोहित-हार्दिक जैसे सीनियर खिलाड़ियों को दवाब में डालकर आउट किया। पूरी टीम प्लान के साथ उतरी थी, जिससे साफ दिखा कि क्यों वे टेबल के टॉप हाफ में पहुंच चुके हैं।
मुंबई का मिडिल ऑर्डर पूरी तरह फेल रहा। जितनी उम्मीदें तिलक वर्मा और ईशान किशन पर थी, वे भी नाकाम रहे। यही कारण रहा कि एक बार फिर फैंस में और सोशल मीडिया पर सवाल उठने लगे हैं कि आखिर रोहित शर्मा की फॉर्म कब लौटेगी, और क्या कप्तान हार्दिक पांड्या अपनी भूमिका सही निभा रहे हैं?
जहां सूर्यकुमार और जैक्स जैसे खिलाड़ी समय-समय पर संघर्ष कर रहे हैं, वहीं मुंबई को अब हर मैच में जी-जान लगाने की जरूरत है। चाहे खिलाड़ियों की फॉर्म की बात हो या सही टीम कॉम्बिनेशन की, मुंबई इंडियंस के लिए प्वॉइंट्स टेबल में ऊपर जाना फिलहाल बेहद मुश्किल लग रहा है।