15 सितंबर 2025 को भारतीय मूल्य‑निर्धारण बोर्ड ने सिल्वर और सोने की नवीनतम कीमतें जारी कीं। इन रिपोर्टों के अनुसार, सिल्वर ने नई रिकॉर्ड सीमा छू ली – अधिकांश शहरों में यह ₹1,33,000 प्रति किलोग्राम पर ट्रेड हुआ, जबकि चेन्नई में कीमत ₹1,43,000 पर किलोग्राम दर्ज की गई। इस दिशा‑परिवर्तन के पीछे कई कारण कार्य कर रहे हैं, जिनमें वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताएँ, मुद्रा‑स्फीति और निवेशकों का सुरक्षित संपत्ति की ओर रुझान शामिल है।
दूसरी ओर, सोने की कीमत में हल्की गिरावट देखी गई। 24‑कैरेट सोना राष्ट्रीय स्तर पर ₹11,106 प्रति ग्राम पर आया, जो पिछले दिन की कीमत से ₹11 कम है। 22‑कैरेट (आभूषण‑उपयोग) ₹10,180 प्रति ग्राम और 18‑कैरेट ₹8,329 प्रति ग्राम पर ट्रेड किया। 10‑ग्राम की बॉण्डिंग में 24‑कैरेट की कीमत ₹1,01,800 पर गिर गई, जो पिछले सत्र से ₹110 कम है।
शहर‑वार देखी गई कीमतें भी थोड़ी‑बहुत भिन्न थीं: दिल्ली में 24‑कैरेट की दर ₹1,11,210, चेन्नई में ₹1,11,380, जबकि मुंबई और कोलकाता दोनों में ₹1,11,060 रही। ये अंतर स्थानीय मांग, कर‑नियम और डीलरों के मार्जिन पर आधारित है।
पिछले एक हफ़्ते में सोने ने लगभग 4 % की बढ़त देखी थी, जिससे यह कई महीनों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि इस स्तर पर पहुँचना स्वाभाविक है, और अगले हफ़्ते में स्वल्प‑कालिक गिरावट स्वस्थ समेकन का संकेत देती है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि भारतीय त्योहारी सीजन – विशेषकर दशहरा और दीपावली – के करीब आने से आभूषण‑खरीदारी में तेज़ी की संभावना है, जो दीर्घकालिक रूप से कीमतों को फिर से ऊपर ले जा सकती है।
सिल्वर के मामले में, इस नई रिकॉर्ड कीमत के पीछे घरेलू व भाग्यवान निवेशकों का बढ़ता रुचि है। कई छोटे एवं मध्यम आकार के आभूषण निर्माता, जो सिल्वर को मुख्य सामग्री के रूप में उपयोग करते हैं, मांग में वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं। साथ ही, अंतरराष्ट्रीय बाजार में सिल्वर की आपूर्ति में कमी और डिमांड‑साइड तनाव ने इसे भारतीय बाजार में भी बुलिश बना दिया।
आर्थिक दृष्टिकोण से देखें तो दोनों धातुओं का माह‑सत्र में गिरावट नोटिस किया गया – सोना 30.88 % और सिल्वर 34.51 % की मंदी देखी। यह गिरावट वैश्विक मंदी, रिन्युएबल ऊर्जा पर खर्च, और ब्याज दरों में वृद्धि जैसे कई कारकों के मेल से हुई। फिर भी, इन धातुओं को अक्सर मुद्रास्फीति के खिलाफ हेज माना जाता है, इसलिए दीर्घकालिक निवेशकों का भरोसा अभी भी बरकरार है।
सारांश में, 15 सितंबर 2025 का मूल्य‑डेटा दर्शाता है कि सिल्वर ने अपने बुलिश दौर को आगे बढ़ाया है, जबकि सोना एक हल्की गिरावट के बाद स्थिरता की ओर बढ़ रहा है। बाजार के विशेषज्ञ इस बदलाव को मौसमी माँग, वैश्विक आर्थिक तनाव और निवेशकों की जोखिम‑रहित संपत्ति की पसंद के संगम के रूप में देख रहे हैं। इस प्रकार, अगले कुछ हफ़्तों में दोनों धातुओं की कीमतों का दिशा‑निर्देशन भारतीय उपभोक्ताओं की खरीदारी प्रवृत्तियों और अंतरराष्ट्रीय बाजार की स्थितियों पर निर्भर करेगा।