भारत में ऑटोमोबाइल सेक्टर की एक अहम कड़ी, हुंडई मोटर इंडिया ने अपने प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव (आईपीओ) की घोषणा कर दी है। यह कदम न केवल भारतीय शेयर बाजार में हुंडई की जगह को मजबूत करेगा, बल्कि इसे निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर भी बनाएगा। यह आईपीओ अगले सप्ताह शुरू होगा और इसके तहत 25,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना है। उल्लेखनीय है कि यह अब तक के सबसे बड़े आईपीओ के रूप में देखा जा रहा है।
आईपीओ के लिए प्रति शेयर की कीमत 1865-1960 रुपये के बीच निर्धारित की गई है। इस आईपीओ के तहत कंपनी की 17.5% हिस्सेदारी बेची जाएगी जिससे हुंडई इंडिया को कोई सीधा आर्थिक लाभ नहीं होगा, लेकिन यह अमाउंट कंपनी के मूल कंपनी को जाएगा। 14 अक्टूबर को संस्थागत निवेशकों के लिए और 15 अक्टूबर को खुदरा निवेशकों के लिए आईपीओ खोला जाएगा। आईपीओ 17 अक्टूबर को बंद होगा और इसकी सूचीबद्धता 22 अक्टूबर को की जाएगी।
यह आईपीओ कुछ मायनों में विशेष है क्योंकि 2003 में मारुति सुजुकी का आईपीओ के बाद यह पहली बार है जब कोई ऑटोमोबाइल कंपनी भारत में आईपीओ ला रही है। यह आईपीओ हुंडई की बड़ी कंपनियों में निवेश को बढ़ावा देगा। इसमें कोई शक नहीं है कि भारतीय निवेशकों का झुकाव अब इस प्रस्ताव को लेकर अधिक होगा।
इस प्रकार की पहल को ध्यान में रखते हुए, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने इस आईपीओ को 24 सितंबर को मंजूरी दी थी। ग्रे मार्केट में हुंडई के शेयरों की प्रीमियम पर ट्रेडिंग हो रही है, जो 270 रुपये है। यह मूल्यांकन प्रदर्शित करता है कि निवेशकों का इस पेशकश के प्रति झुकाव कितना सकारात्मक है।
आर्थिक माहौल में इस तरह के बदलावों के साथ, हुंडई का यह कदम भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार में एक नई लोकप्रियता देने का वादा करता है। यह आईपीओ न केवल आर्थिक रूप से मजबूत होगा बल्कि यह हुंडई की भारतीय बाजार में प्रतिष्ठा को भी ऊंचा उठाएगा।
यह देखना दिलचस्प होगा कि यह आईपीओ भारतीय निवेशकों के बीच कितना लोकप्रिय होता है और यह शेयर बाजार में किस प्रकार का प्रभाव डालता है। इस प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव के जरिए बड़े पैमाने पर आर्थिक वृद्धि की उम्मीद की जा रही है।
जुल॰, 30 2024