जब भारत ने अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में पहला टेस्ट खेला, तो सभी ने उम्मीद की थी कि दो‑दिन में कुछ रोमांचक होगा। लेकिन तीसरे दिन तक, भारत ने एक पारी में 448/5 घोषित कर, फिर वेस्टइंडीज को इन्सिंग‑ऐंड‑140 रन से हराया, जिससे सीरीज का स्कोर 1‑0 हो गया। यह जीत न केवल स्कोर‑बोर्ड पर छाप दर्ज कर गई, बल्कि भारत के विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) में भी एक सुदृढ़ ब्रेकथ्रू को दर्शाती है।
यह दो‑मैच वाली टेस्ट श्रृंखला पहले से ही भारतीय दर्शकों के बीच काफी चर्चा का विषय थी। पिछले साल भारत ने वेस्टइंडीज के खिलाफ अपनी पिच‑स्मार्ट खेल शैली दिखा दी थी, पर इस बार उनका लक्ष्य था कि वे पहले ही मैच में एक बेज़ोड़ बढ़त हासिल करें। टीम के कप्तान रोहित शर्मा ने पहले‑इंडेक्स में बदलाव के साथ तेज़ आक्रमण की योजना बनाई।
पहले दिन भारत की पारी ने जल्दी ही ताक़त दिखा दी। केएल राहुल ने 197 गेंदों पर 100 बनाकर अपने घर पर शतक का ख़्वाब पूरा किया, जबकि शुबमन गिल ने 98 रन बनाकर दो अंक से कम पर रह गया। सबसे बड़ा झटका आया जब ध्रुव ज्यूरेल ने मात्र अपनी छठी टेस्ट में 100 बनाकर अपना पहला शतक हासिल किया। ज्यूरेल और रविंद्र जडेजा का 206 रन का पाचवां विकेट साझेदारी अद्भुत थी; यह साझेदारी भारतीय रिकॉर्ड 214 का सिर्फ़ दो रन से कम रह गई। जडेजा ने 104* बिना आउट हुए बना कर अपने वर्ष के दूसरे शतक पर हस्ती की, साथ ही पाँच बड़े छक्के मारकर भारतीय टेस्ट इतिहास में अधिकतम छक्के मारने वाले खिलाड़ी (ध्वनि) बन गए। इस पारी को 128 ओवर में 3.50 रन प्रति ओवर की दर से चलाया गया, 45 चारों ओर और 8 छक्के सहित।
भारत ने अपना पहला इनिंग घोषित कर दिया, जिससे वेस्टइंडीज को 286 रन के पीछे पिच पर भेजा गया। पहले इनिंग में वे केवल 162 रन ही जोड़ पाए, जिसमें डायन टर्नर का अकेला अर्धशतक प्रमुख रहा, पर बाकी क्रम निराशाजनक था। दूसरे इनिंग में स्थिति और बिगड़ गई; भारत ने पहले ही दो विकेट ले लिए और स्कोर 66/5 पर स्थिर हो गया। फिर मोहम्मद सिराज ने 31 रन पर 3 विकेट और जडेजा ने 54 पर 4 विकेट लेकर टीम को 146 रन पर बंद कर दिया। इस तरह दोनों इनिंग्स में वेस्टइंडीज ने कुल 308 रन ही बनाए।
बॉलिंग विभाग ने भी पूरी तरह से पिच का फायदा उठाया। मोहम्मद सिराज ने 31 गेंदों में 3/31 उठाए, जबकि जडेजा ने 4/54 लेकर अपनी दोहरी भूमिका (बॅट & बॉल) को और सशक्त किया। कुलेदीप यादव ने समय-समय पर विकासशील स्पिन दिखाते हुए कुछ किफ़ायती विकेट भी चुरा ली। टीम की कुल मिलाकर सात‑विकेट वाली मैचे़ल है, जिससे यह साफ़ हो गया कि भारत ने अपने घर की पिच पर हर टकनीक का प्रयोग किया।
यह जीत भारत को केवल 1‑0 सीरीज नेतृत्व नहीं, बल्कि WTC टेबल पर भी एक बड़ा बूस्ट देगी। यदि द्वितीय टेस्ट में भी ऐसा ही प्रदर्शन जारी रहा, तो भारत सीजन के अंत में अपनी ग्रुप पोजीशन को मज़बूत कर सकता है। वहीं वेस्टइंडीज को अभी नयी रणनीति अपनाने की जरूरत है—उनके बॉलर्स को स्पिन के साथ लिंबु‑जैसे वेरिएशन चाहिए, और बल्लेबाज़ों को निरंतर औसत 30 से ऊपर बनाए रखना पड़ेगा। इस जीत का उत्सव भारत में ग़ज़ब के स्तर पर रहा; स्टेडियम में सड़कों पर भी झंडे लहराते देखे गए, और कई दर्शकों ने जडेजा के ‘स्वॉर्ड’ जश्न को खास तौर पर सराहा।
हां, भारत ने पहली बार एक ही टेस्ट में 140 रन से अधिक के इन्सिंग‑ऐंड‑डिफ़ जीत हासिल की है, और जडेजा ने भारतीय टेस्ट में छक्के मारने का नया रिकॉर्ड बना लिया।
पिच पर घिसाव और भारत के तेज़ और स्पिन बॉलर दोनों ने बॉल को बहुत हिलाया, जिससे वेस्टइंडीज के टॉप ऑर्डर को लगातार विकेट मिलते रहे। उनका दो‑इंडिंग स्कोर भी बहुत कम रहा।
बिल्कुल, 1‑0 सीरीज़ लीड के साथ भारत को 8 पॉइंट मिलेंगे, जिससे ग्रुप‑स्टेज में उसकी पोज़ीशन और सुरक्षित होगी।
फैन्स ने अनुमान लगाया है कि भारत अपनी बॉलिंग के साथ दबाव बनाते रहेंगे, जबकि वेस्टइंडीज को शुरुआती ओवरों में धैर्य से खेलना होगा और साझेदारी बनाकर स्कोर को बचाना पड़ेगा।
भारत ने वेस्टइंडीज के स्पिनर्स को पहले 40‑ओवर में नज़रअंदाज़ किया, फिर दो‑तीन तेज़ बॉलरों से अति‑दबाव बनाया, जिससे प्रतिद्वंद्वी की बैटिंग लाइन‑अप टूट गई।