प्रसिद्ध कोरियोग्राफर और निर्देशक फराह खान की मां, मेनका ईरानी, का शुक्रवार, 26 जुलाई, 2024 को निधन हो गया। 79 वर्षीय मेनका ने लंबे समय से बीमारियों का सामना किया और हाल ही में उन्होंने कई सर्जरी करवाई थीं। सिर्फ दो हफ्ते पहले, फराह ने अपनी मां का 79वां जन्मदिन सोशल मीडिया पर विशाल प्रेम और आदर के साथ मनाया था।
मेनका ईरानी न सिर्फ फराह खान की मां थीं, बल्कि वह स्वयं एक अदाकारा थीं। उन्होंने 1963 की फिल्म 'बचपन' में अपनी बहन डेज़ी ईरानी के साथ अभिनय किया था। उनका फ़िल्मी सफ़र बहुत लंबा नहीं था, लेकिन उन्होंने अपने छोटे से करियर में अच्छा अनुभव प्राप्त किया।
मेनका ने अपने जीवन में कई कठिनाइयों का सामना किया। उनकी बीमारी ने उन्हें कमजोर कर दिया था, लेकिन उन्होंने अपने बच्चों के समर्थन और प्रेम के बल पर हर चुनौती का सामना किया। फराह और साजिद खान दोनों ने हमेशा उन्हे अपनी प्रेरणा बताया है।
मेनका की मृत्यु के बाद, फराह खान ने अपने सोशल मीडिया पर एक भावुक संदेश पोस्ट कर अपनी मां का सम्मान किया। उन्होंने कहा, "मेरी मां मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा थीं। उनकी ताकत और साहस ने मुझे हमेशा मजबूत बने रहने के लिए प्रेरित किया। मैं उनका साहसिक और अदम्य आत्मा का सम्मान करती हूँ।"
फराह ने अपनी मां के अंतिम क्षणों का वर्णन करते हुए बताया कि किस प्रकार मेनका ने अपनी अंतिम साँसें लीं। यह एक भावनात्मक क्षण था जिसने फराह को अपनी मां के साथ बिताए हुए समय की महत्वता को और भी अधिक महसूस कराया।
मेनका ईरानी की मृत्यु की खबर से बॉलीवुड में शोक की लहर दौड़ गई है। कई दोस्तों और सहयोगियों ने अपने संवेदनाएं प्रकट की हैं। प्रसिद्ध अभिनेताओं, निर्देशकों और निर्माताओं ने सोशल मीडिया पर अपने संदेश साझा किए हैं। कई कलाकारों ने फराह और साजिद के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं और इस कठिन समय में उनका साथ देने की कसम खाई है।
फिल्म उद्योग ने न केवल एक अभिनेत्री खोई है, बल्कि एक माँ और एक बहादुर महिला को भी खोया है। मेनका ईरानी का नाम हमेशा याद किया जाएगा।
मेनका ईरानी का जीवन कठिनाइयों का संग्रह था, लेकिन उन्होंने हमेशा हर परिस्थिति का सामना किया। उन्होंने अपने बच्चों को अपने जीवन का केन्द्र बनाया और हमेशा उनके सपनों और प्रेरणाओं का समर्थन किया। उनकी मेहनत और समर्पण की वजह से फराह और साजिद ने बॉलीवुड में सफलता हासिल की।
फराह ने अपने कई साक्षात्कारों में बताया है कि किस प्रकार उनकी माँ ने उन्हें जीवन के कठिन पलों में सहारा दिया। मेनका ने हमेशा अपने बच्चों के लिए सबसे बेहतर चाहा, और यही कारण है कि फराह और साजिद ने अपनी माँ के नाम को हमेशा ऊँचा रखने के प्रयास किए हैं।
मेनका ईरानी का अंतिम संस्कार शनिवार को मुंबई में किया गया। फराह और साजिद ने अपने रिश्तेदारों के साथ मिलकर मेनका को अंतिम विदाई दी। कई प्रसिद्ध हस्तियाँ अंतिम संस्कार में शामिल हुईं और अपने श्रद्धांजलि अर्पित की।
मेनका ईरानी की कहानी एक महिला की है जिसने अपने जीवन की हर कठिनाई का डटकर सामना किया और अपने बच्चों के लिए सबसे बेहतर जीवन का निर्माण किया। उनकी यादें और उनके आदर्श हमेशा उनके चाहनेवालों के दिलों में ज़िंदा रहेंगे।