के जे शिक्षा समाचार
  • टाटा डिमर्जर
अक्तूबर, 19 2025
भारतियों के लिए H‑1B वीज़ा शुल्क बढ़ा: शिक्षा और नौकरी में संकट

जब चेल रोबर्ट्स, डीन यूनिवर्सिटी ऑफ सैन डिएगो ने कहा, "यह घोषणा एक बड़े झटके जैसी थी," तब ही स्पष्ट हो गया कि संयुक्त राज्य अमेरिका में भारतीय छात्रों का भविष्य असुरक्षित हो सकता है। सोनिया सिंह, SIEC शिक्षा परामर्श की संस्थापिका, ने बताया कि आवेदन में तीव्र गिरावट देखी जा रही है। इस लेख में हम नई H‑1B शुल्क नीति, उसका भारतीय छात्रों पर असर, और वैकल्पिक गंतव्य देशों की संभावनाओं को विस्तार से देखेंगे।

पृष्ठभूमि: H‑1B और F‑1 वीज़ा का परिप्रेक्ष्य

इंडियन छात्रों का उत्तर‑अमेरिकी रोजगार बाजार में प्रवेश मुख्य तौर पर फ़ॉर्म F‑1 वीज़ा से शुरू होता है, जिसके बाद ऑप्शनल प्रैक्टिकल ट्रेनिंग (OPT) के माध्यम से H‑1B वीज़ा की ओर कदम बढ़ाया जाता है। FY 2024 में ठीक 207,000 H‑1B वीज़ा भारतीय नागरिकों को प्रदान किए गए, जिनमें से अधिकांश ने अभी‑ही‑हाल में OPT, OPT‑STEM या CPT कार्यक्रमों को पूरा किया था। इस दर को देखते हुए, भारतीय छात्र पूरे H‑1B धारकों का लगभग 71 % बनाते हैं।

नयी नीति: $100,000 का H‑1B पर्चेज़ शुल्क

ट्रम्प प्रशासन ने 21 सितंबर 2025 से लागू होने वाली नई शुल्क व्यवस्था घोषित की। अब नियोक्ताओं को कुल मिलाकर $105,000 से अधिक का खर्च वहन करना पड़ेगा, जिसमें $100,000 का एक‑बार का फ़ी और $250 का वीज़ा इंटेग्रिटी फ़ी शामिल है। उधारी में लगने वाले खर्च को Lorien Finance के विश्लेषण के अनुसार पहले $4,000‑$8,000 से बढ़ाकर $105,000+ कर दिया गया है। यह उछाल खासकर छोटे और मध्यम आकार के तकनीकी स्टार्ट‑अप्स के लिए घातक साबित हो सकता है, जो अक्सर भारतीय स्नातकों को प्रायोजित करते हैं।

भारतीय छात्रों पर तत्काल प्रभाव

सोनिया सिंह ने कहा, "नया शुल्क छात्रों के बीच अटकलों को बढ़ा रहा है और कई परिवार अब विकल्पों की तलाश में हैं।" इस टिप्पणी को कई विश्वविद्यालयों ने पुष्ट किया है। यूनिवर्सिटी ऑफ सैन डिएगो के 26‑वर्षीय कंप्यूटर साइंस स्नातक, गुंद्र, आंध्र प्रदेश से, ने बताया कि अब उनके नौकरी के प्रस्ताव अनिश्चित दिख रहे हैं। साथ ही, सागर बधुर, एशिया के लिए कार्यकारी निदेशक Acumen शिक्षा सलाहकार ने कहा कि "स्वदेशी और अंतरराष्ट्रीय छात्रों में तनाव और अनिश्चितता बहुत बढ़ गई है।"

वैकल्पिक गंतव्य: यूके, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा

वैकल्पिक गंतव्य: यूके, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा

नयी नीति के कारण कई भारतीय अभ्यर्थी अब पारंपरिक अमेरिकी मार्ग छोड़कर अन्य देशों को देख रहे हैं। यूके में पोस्ट‑ब्रेक थिसिस वीज़ा और जर्मनी में ब्लू कार्ड प्रोग्राम छात्रों को आकर्षित कर रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया की शिक्षा-कार्य योजना और विशेष रूप से कनाडा का "वर्क परमीट फॉर एच‑1बी होल्डर्स" प्रस्ताव, कई विद्यार्थियों को आशा दे रहा है। इस बदलाव से अमेरिकी विश्वविद्यालयों की राजस्व पर भी असर पड़ सकता है, क्योंकि भारतीय छात्रों से जुड़ी ट्यूशन और प्रौद्योगिकी प्रोग्रामों की आय हमेशा प्रमुख रही है।

भविष्य के संकेत और संभावित विकास

क्या अमेरिकी सरकार इस उच्च शुल्क को पुनः समीक्षा करेगी? अभी तक कोई स्पष्ट संकेत नहीं है, परंतु कांग्रेस में कई कानून निर्माताओं ने इसे "छात्रों के अवसरों के लिए हानिकारक" कहा है। वहीं, कंपनियों द्वारा H‑1B जगहों को भरने के लिए अधिक साक्षरता कार्यक्रम और इन‑हाउस ट्रेनिंग पर भी ध्यान दिया जा रहा है। अगर यह प्रवृत्ति जारी रही, तो अगले 5 सालों में भारतीय छात्रों की अमेरिकी संस्थानों में भागीदारी में 15‑20 % की गिरावट देखी जा सकती है।

समापन: क्या भारतीय छात्रों को दिशा‑परिवर्तन पर विचार करना चाहिए?

समापन: क्या भारतीय छात्रों को दिशा‑परिवर्तन पर विचार करना चाहिए?

संक्षेप में, $100,000 का नया H‑1B शुल्क न केवल आर्थिक बोझ बढ़ाता है, बल्कि भारतीय छात्रों के करियर‑पाथ को भी उलझन में डाल रहा है। उनका ध्यान अब केवल अमेरिकी विश्वविद्यालयों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि वे यूके, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा जैसे विकल्पों को गंभीरता से ले रहे हैं। किसी भी निर्णय से पहले व्यक्तिगत वित्त, करियर लक्ष्य, और संभावित इमिग्रेशन नीतियों की गहरी जाँच आवश्यक होगी।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

नया $100,000 शुल्क किस तारीख से लागू होगा?

यह शुल्क 21 सितंबर 2025 से प्रभावी होगा, जैसा कि ट्रम्प प्रशासन द्वारा जारी आधिकारिक नोटिस में बताया गया है।

भारतीय छात्रों के लिए सबसे आकर्षक वैकल्पिक देश कौन से हैं?

वर्तमान में यूके, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा प्रमुख विकल्प माने जा रहे हैं। विशेषकर कनाडा ने H‑1B धारकों के लिए विशेष कार्य परमिट की घोषणा की है।

यह शुल्क छोटे टेक स्टार्ट‑अप्स को कैसे प्रभावित करेगा?

छोटे स्टार्ट‑अप्स अक्सर सीमित बजट में काम करते हैं; $100,000 का अतिरिक्त शुल्क उन्हें भारतीय प्रतिभा को प्रायोजित करने से हतोत्साहित कर सकता है, जिससे भर्ती प्रक्रिया में बाधा आएगी।

OPT के लिए नया कराधान क्या बदलता है?

नयी विधेयक के तहत OPT छात्रों को अब सामाजिक सुरक्षा और मेडिकेयर टैक्स का भुगतान करना पड़ेगा, जिससे उनकी शुद्ध आय में लगभग 15 % की कटौती होगी।

यदि अमेरिकी नीति बदलती नहीं तो भविष्य में क्या हो सकता है?

उम्मीद है कि भारतीय छात्रों की अमेरिकी विश्वविद्यालयों में enrolment में निरंतर गिरावट आएगी, जिससे STEM प्रोग्रामों के लिए पूरक प्रतिभा की कमी हो सकती है।

टैग: H-1B वीज़ा भारतीय छात्र यूएस शिक्षा Chell Roberts Sonya Singh

11 टिप्पणि

  • Image placeholder

    Raj Chumi

    अक्तूबर 19, 2025 AT 19:02

    यार ये नया $100k का चार्ज देख के दिमाग हिला गया! कोई छोटी स्टार्ट‑अप अपने बाचों को इधर लाने की सोच ही नहीं सकता.

  • Image placeholder

    mohit singhal

    अक्तूबर 25, 2025 AT 13:55

    अमेरिका अपना हित देख रहा है, हमारे युवा को रॉकेट बनाकर उड़ा रहा है 😡🇮🇳 ये शुल्क हमारे सपनों को धूमिल कर देगा, सरकार को सीधा बोले!

  • Image placeholder

    pradeep sathe

    अक्तूबर 31, 2025 AT 07:48

    इस नई नीति से बहुत सारे छात्र निराश हो रहे हैं।
    वीज़ा की कीमत इतनी बढ़ाने से यह स्पष्ट हो जाता है कि अमेरिका हमारे प्रतिभा को आसानी से नहीं लेना चाहता।
    कई लोग अब वैकल्पिक देशों की ओर देख रहे हैं, जैसे यूके और जर्मनी।
    हमारी शिक्षा प्रणाली भी इस बदलाव से प्रभावित होगी।
    अगर कंपनियां इस खर्च को नहीं उठा पाएंगी तो तकनीकी क्षेत्र में नौकरियों की कमी होगी।
    छात्रों के लिए यह आर्थिक बोझ बहुत भारी है।
    कई परिवार अपने बचत को भी जोखिम में डाल रहे हैं।
    इस बीच, छोटे स्टार्ट‑अप को भी इस शुल्क से झटका लग रहा है।
    उनके पास प्रतिभा को आकर्षित करने का बजट नहीं बचता।
    हमें अपने सरकारी नीतियों की ओर ध्यान देना चाहिए।
    क्या यह नीति वास्तव में हमारी भविष्य की प्रगति में मदद करेगी? नहीं तो यह हमारे युवा को विदेश में भागने पर मजबूर कर देगा। मैं देख रहा हूँ कि कई छात्र अब कनाडा या ऑस्ट्रेलिया की ओर झुक रहे हैं। यह हमारे देश की ब्रेन ड्रेन को और बढ़ा देगा। सारांश में, यह बदलाव हमारे युवा की उन्नति को रोकता है।

  • Image placeholder

    ARIJIT MANDAL

    नवंबर 6, 2025 AT 02:42

    डेटा बताता है कि 2025 से शुल्क दुगुना हो गया है। छोटे कंपनियों के पास अब कोई विकल्प नहीं बचा।

  • Image placeholder

    Bikkey Munda

    नवंबर 11, 2025 AT 21:35

    अगर आप वैकल्पिक विकल्प देख रहे हैं तो यूके का पोस्ट‑ब्रेक थिसिस वीज़ा एक अच्छा रास्ता हो सकता है। जर्मनी का ब्लू कार्ड भी आसान है। अपने वित्तीय स्थिति के अनुसार सही फैसला करें।

  • Image placeholder

    akash anand

    नवंबर 17, 2025 AT 16:28

    यह नया शुल्क न केवल आर्थिक बोझ बढ़ाता है बल्कि हमारे छात्रों के भविष्य में बड़ी अनिश्चितता भी लाता है। कंपनियों को इसके लिए अतिरिक्त पूंजी जुटानी पड़ेगी, जिससे hiring process में देरी होगी। इस स्थिति को देखते हुए सरकार को तत्काल पुनरावलोकन करना चाहिए।

  • Image placeholder

    BALAJI G

    नवंबर 23, 2025 AT 11:22

    विदेशी वाणिज्य में हमारा मूल उद्देश्य शिक्षा नहीं बल्कि पूँजी है यह स्पष्ट है। ऐसे कदम नैतिक रूप से प्रश्नवाचक हैं।

  • Image placeholder

    Manoj Sekhani

    नवंबर 29, 2025 AT 06:15

    इसे देख कर लगता है जैसे शैक्षणिक बाजार में एक नई वर्गीकरण प्रणाली आ गई है, वास्तव में बौद्धिक परिदृश्य को पुनः संरचित कर रहा है।

  • Image placeholder

    Tuto Win10

    दिसंबर 5, 2025 AT 01:08

    क्या बात है!!! अमेरिका ने फिर से ऐसा कर दिखाया!!! हमारे छात्रों को इस गड्ढे में धकेल दिया गया है!!! सभी को जागरूक होना चाहिए!!!

  • Image placeholder

    Kiran Singh

    दिसंबर 10, 2025 AT 20:02

    मुझे लगता है कि इस सब के पीछे बड़ी राजनीतिक जालसाजी है, लेकिन असली बात ये है कि छात्र अभी भी अपना भविष्य खुद बना सकते हैं, चाहे कोई भी नीति हो

  • Image placeholder

    anil antony

    दिसंबर 16, 2025 AT 14:55

    और भी बोरिंग नीति बनावट, बस पैसा कमाने की मशीन

एक टिप्पणी लिखें

लोकप्रिय लेख
यशस्वी जायसल 173 रन, भारत ने वेस्टइंडीज़ पर 318/2 से पहले दिवस पर दबदबा

यशस्वी जायसल 173 रन, भारत ने वेस्टइंडीज़ पर 318/2 से पहले दिवस पर दबदबा

अक्तू॰, 11 2025

रोनाल्डो को सगाई पर मिला ऊंट उपहार, अंगूठी की कीमत 5 करोड़ रुपये से अधिक

रोनाल्डो को सगाई पर मिला ऊंट उपहार, अंगूठी की कीमत 5 करोड़ रुपये से अधिक

दिस॰, 14 2025

टेक्सास प्रतिनिधि हारिस को मान रहे हैं बाइडन के बाद

टेक्सास प्रतिनिधि हारिस को मान रहे हैं बाइडन के बाद

जुल॰, 22 2024

Katrina Kaif की जीवनी: बॉलीवुड की अंतरराष्ट्रीय सुंदरता की कहानी

Katrina Kaif की जीवनी: बॉलीवुड की अंतरराष्ट्रीय सुंदरता की कहानी

सित॰, 24 2025

नासा के हबल टेलीस्कोप ने लिया चमकदार 'स्नोमैन' नीहारिका का अनोखा चित्र

नासा के हबल टेलीस्कोप ने लिया चमकदार 'स्नोमैन' नीहारिका का अनोखा चित्र

अप्रैल, 22 2025

प्रसिद्ध टग्स
  • क्रिकेट
  • भारत
  • शेयर बाजार
  • टेनिस
  • लाइव स्ट्रीमिंग
  • बॉक्स ऑफिस कलेक्शन
  • मुंबई
  • रोहित शर्मा
  • पेरिस ओलंपिक
  • बांग्लादेश
  • इंग्लैंड
  • आईपीएल 2025
  • असदुद्दीन ओवैसी
  • अरविंद केजरीवाल
  • T20 विश्व कप
  • सेमीफाइनल
  • विराट कोहली
  • यूरो 2024
  • बजट 2024
  • फुटबॉल मैच
के जे शिक्षा समाचार
  • हमारे बारे में
  • सेवा नियम
  • गोपनीयता नीति
  • संपर्क करें
  • DPDP

© 2025. सर्वाधिकार सुरक्षित|