जब यशस्वी जायसल ने 173 रन बना कर अपनी सातवीं टेस्ट सेंचुरी पूरी की, तो स्टेडियम में मौजूद हर दर्शक का दिल धड़कने लगा। इस शानदार पारिवारिक पारी के पीछे शुब्दन गिल ने टॉस जीतकर भारत को पहले ही ओवर में दो विकेट गिरा कर 318/2 पर ले जाया। यह सब अरुण जेटली स्टेडियम, नई दिल्ली में 10 अक्टूबर 2025 को हुआ, जहाँ भारत ने दूसरे टेस्ट का पहला दिवसीय अभिषेक किया।
स्टेडियम की सतह धूल‑मिट्टी की हल्की नमी से सॉफ़्ट थी, जिससे शुरुआती ओवर में तेज़ रफ़्तार से बॉल घूमी। मध्य‑दिवस में स्पिनर जॉमेल वारिकन ने कक्षा‑के‑बंदर जैसा काम किया, पर दो विकेट ही गिरा सका। पिच धीरे‑धीरे नीचे की ओर झुके, जिससे अगले दिन घुमाव बढ़ने की उम्मीद थी।
जायसल ने 90वें ओवर से पहले अपना शतक पूरा किया, जबकि बी साई सुधर्सन ने 87 रन का बेहतरीन जलसा दिखाया। सुधर्सन ने कहा, "मैं थोड़ा फ्रीली खेल रहा था, लेकिन टीम को बड़े स्कोर की ज़रूरत थी," और साथ ही पिच की धीमी गति पर भी टिप्पणी की – "कल से टर्न कैसे बदलेगा, देखते हैं।" गिल ने भी नाबाद रहकर आख़िरी ओवर तक अपनी टिकाऊ पकड़ दिखा दी।
वेस्टइंडीज़ के कप्तान रोस्टन चेज़ ने पहले टेस्ट में टॉस जीत कर बैटिंग चुनी थी, पर वह फेल हो गई। इस बार उन्होंने फील्डिंग में भी संघर्ष किया; एक सपोर्टिव कैच गिरा, जो भारत को और भी बड़ा स्कोर बना सकता था। टीम की मुख्य बॉलिंग लाइन‑अप, जिसमें वारिकन, डिवील और फाउलिंग शामिल थे, को समय‑समय पर रिवर्सल मिल रहा था।
भारत के क्रिकेट बोर्ड, बोर्ड ऑफ कंट्रोल फॉर क्रिकेट इन इंडिया (BCCI), ने पहले ही सीरीज के लिए अपनी रणनीति को अंतिम रूप दे दिया था। दूसरी तरफ क्रिकट वेस्टइंडीज़ ने युवा खिलाड़ियों को मौका देने की कोशिश की, पर अनुभव‑हीन बॉलिंग ने उन्हें पीछे धकेल दिया। दोनों संस्थाओं ने मैच को विभिन्न प्लेटफ़ॉर्म्स पर प्रसारित किया, जिसमें NDTV स्पोर्ट्स और BCCI.tv प्रमुख थे।
पहले टेस्ट में भारत ने अहमदाबाद में 1‑0 की बढ़त हासिल कर ली थी; अब इस दूसरे टेस्ट के पहले दिन के आंकड़े यह संकेत देते हैं कि सीरीज़ 2‑0 के सफ़ेद‑धागे पर समाप्त हो सकती है। यदि सुबह‑शाम के सत्र में बल्लेबाज़ी जारी रही, तो भारत की पहली पारी 400 से अधिक भी जा सकती है, जिससे दोनो‑बार बॉलिंग पर दबाव बन जाएगा। अगले दिन का खेल 11 अक्टूबर को शाम 9:30 बजे शुरू होगा, और सभी आँखें इस बात पर टिकी होंगी कि क्या वेस्टइंडीज़ फिर से लड़ पाएँगे।
जायसल का यह कदम सिर्फ एक अंक नहीं, बल्कि सचिन तेंदुलकर के साथ एक दुर्लभ रिकॉर्ड को दोहराना है – 24 वर्ष से कम उम्र में सात या उससे अधिक टेस्ट सेंचुरी। यह उपलब्धि नयी पीढ़ी को प्रेरित करेगी, खासकर उन युवा क्रिकेटरों को जो अभी‑अभी आईपीएल या घरेलू टुर्नामेंट में अपना नाम बना रहे हैं।
जायसल और सुधर्सन दोनों ने दिखाया कि शतक के बाद भी धीरज रखना ज़रूरी है। उनका बॉल-पर-टाइम मैनेजमेंट, रफ़्तार और शॉट चयन नई पीढ़ी को लगातार बनाते रहने की प्रेरणा देता है।
स्पिनर वारिकन को अधिक नियंत्रण देना और तेज़ बॉलर्स को लम्बी लाइन पर रखना प्रभावी रहेगा। साथ ही फील्डिंग में ड्रॉप कैच को कम करना भी जरूरी है।
पहले दिन का स्कोर 318/2 दर्शाता है कि टीम के पास मौका है। अगर बाउन्ड्री रेट बना रहता है और गेंदबाजी में निरंतरता आती है, तो क्लीन स्वीप संभव है।
सचिन तेंदुलकर ने पहले यह रिकॉर्ड बनाया था, और अब यशस्वी जायसल ने उसी को दोहराया है। भविष्य में यह देखना रोचक रहेगा कि कितने और खिलाड़ी इस माइलस्टोन को छुएँगे।
पिच के धीरे‑धीरे नीचे उतरने और नमी के कारण, टर्निंग की संभावना बढ़ेगी। इसका मतलब है कि स्पिनरों को अधिक अवसर मिलेंगे और तेज़ बॉलरों को लंबी लाइन पर टिकना पड़ेगा।
Rahul Sarker
अक्तूबर 11, 2025 AT 03:10जायसल की पारी बिड़ाल की तरह धधक रही थी, लेकिन गिल की शुरुआती दो विकेट ने भारतीय टॉप ऑर्डर को स्थिर कर दिया, जिससे वेस्टइंडीज़ की बॉलिंग रणनीति का मूलभूत विफलता स्पष्ट हो गया।