हरियाणा के युवा एथलीट नवदीप सिंह ने 2024 पेरिस पैरालंपिक में पुरुषों के जैवलिन थ्रो F41 इवेंट में स्वर्ण पदक जीतकर न केवल अपने देश, बल्कि पूरी दुनिया को प्रेरित किया है। नवदीप, जिनका जन्म 11 नवंबर 2000 को हुआ था, अपने बौनेपन के कारण स्कूल और सामुदायिक जीवन में अनेक कठिनाइयों का सामना करते हुए बड़े हुए। उनके लिए यह सफर आसान नहीं था, लेकिन उन्होंने साबित कर दिया कि उनके जज़्बे और मेहनत के आगे कोई भी चुनौती बड़ी नहीं है।
नवदीप के शुरुआत के दिन चुनौतियों से भरे थे। उनके पिता, दलबीर सिंह, एक राष्ट्रीय स्तर के पहलवान थे, और नवदीप भी शुरू में कुश्ती की ओर आकर्षित थे। दुर्भाग्य से, 2011 में एक पीठ की चोट ने उन्हें यह खेल छोड़ने पर मजबूर कर दिया। यही वह समय था जब नवदीप को अपने खेल जीवन में एक नया मोड़ देना पड़ा और उन्होंने जैवलिन थ्रो को अपनाया।
नवदीप ने 2017 में जैवलिन थ्रो करना शुरू किया और उनके पहले बड़े अंतरराष्ट्रीय सफलताओं में एशियन यूथ पारा गेम्स में स्वर्ण पदक शामिल था।
नवदीप की सफलता के पीछे उनके कोच नवल सिंह का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। नवल सिंह के कुशल मार्गदर्शन में नवदीप ने भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) के केंद्रो में प्रशिक्षण लिया। गहन प्रशिक्षण और नवल सिंह की तकनीकी सलाह ने नवदीप को अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपने प्रदर्शन को और निखारने में मदद की।
2024 पेरिस पैरालंपिक में नवदीप सिंह की यात्रा नाटकीय और रोमांचक रही। उनका पहला थ्रो फाउल हो गया, लेकिन उन्होंने अपने दूसरे थ्रो में 46.39 मीटर का थ्रो किया। तीसरे थ्रो में नवदीप ने 47.32 मीटर का नया पैरालंपिक रिकॉर्ड स्थापित किया, जिससे वह अस्थायी रूप से आगे निकल गए।
हालांकि, ईरान के बीत सायाह सादेघ ने पांचवे प्रयास में 47.64 मीटर का थ्रो कर दिया, जिससे वह नवदीप से आगे निकल गए। लेकिन, सादेघ को अनुचित आचरण के लिए डिस्क्वालिफाई कर दिया गया और नवदीप को सिल्वर से स्वर्ण पदक में अपग्रेड कर दिया गया।
नवदीप की जीत न केवल उनका व्यक्तिगत अचीवमेंट है, बल्कि यह भारत के लिए भी एक ऐतिहासिक पल है। भारत ने पहली बार पुरुषों के जैवलिन थ्रो F41 कैटेगरी में स्वर्ण जीता है। इस जीत के साथ नवदीप ने दुनिया को दिखा दिया है कि बौनेस का जीवन में कोई बाधा नहीं है, अगर आपके पास दृढ़ संकल्प और मेहनत करने की हिम्मत हो।
फिलहाल नवदीप इनकम टैक्स विभाग में निरीक्षक के रूप में कार्यरत हैं और अपने समाज के लिए प्रेरणास्त्रोत बने हुए हैं।