पालामु लिकर शॉप लॉटरी को राज्य की नई एक्साइज नीति के अंतर्गत एक इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफ़ॉर्म से संचालित किया गया। इच्छुक व्यापारियों ने exciselottery.jharkhand.gov.in पर ऑनलाइन फॉर्म भर कर अपना आवेदन जमा किया, जिसकी अंतिम तिथि 20 अगस्त 2025 तय थी। कुल 1,343 रिटेल शराब की दुकानों को पूरे झारखंड में कंप्यूटर आधारित लॉटरी के जरिए आवंटित करने की योजना है।
आवेदन में प्रत्येक व्यापारिक समूह को अधिकतम चार दुकानें मिल सकती थीं, जिसमें कॉम्पोजिट (मिलेटरी और देशी दोनों) और केवल कंट्री लिकर दोनों प्रकार की रिटेल आउटलेट्स शामिल थीं। लॉटरी का चयन प्रक्रिया रैंडम जनरेशन एलगोरिद्म द्वारा किया गया और इसे जिला प्रशासन की वेबसाइट तथा एक्साइज विभाग के पोर्टल पर लाइव स्ट्रीम किया गया, जिससे प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की साधन‑संपत्ति या पक्षपात की संभावना खत्म हो गई।
इस दौर की खास बात यह रही कि राज्य भर के सभी दुकान समूहों ने पहली बार में ही आवेदन किया, जिससे नीति का व्यापक प्रभाव स्पष्ट हुआ। चयनित व्यापारियों को निर्धारित अवधि के लिए लाइसेंस प्रदान किया जाएगा, जिसके बाद उन्हें राज्य के नियमानुसार रिटेल संचालन करना होगा।
पालामु जिला प्रशासन ने शराब बिक्री से 112 करोड़ रुपये के वार्षिक राजस्व लक्ष्य को स्पष्ट किया है। नई नीति के तहत, निजी व्यापारी सीधे रिटेल संचालन करेंगे, जिससे राज्य को लाइसेंस शुल्क, वार्षिक रॉयल्टी और करों से स्थायी आय प्राप्त होगी। यह मॉडल पहले के प्रचलित प्रतिबंधात्मक प्रणाली से अलग है, जहाँ सरकारी नियंत्रित दुकानों को ही लाइसेंस मिलता था।
नए सिस्टम के मुख्य लाभों में शामिल हैं:
रिपोर्ट्स के अनुसार, लॉटरी के परिणाम 23 अगस्त 2025 को सार्वजनिक किए गए, और चयनित व्यापारियों को अगले महीने से ही लागू नई नीति के तहत अपने-अपने स्टोर खोलने का अधिकार मिलेगा। राज्य सरकार ने कहा है कि यदि यह मॉडल सफल रहता है, तो अगले वित्त वर्ष में अन्य जिलों में भी इसी तरह का विस्तार किया जाएगा।
विश्लेषकों का मानना है कि 112 करोड़ रुपये का राजस्व लक्ष्य वास्तव में हासिल किया जा सकता है, बशर्ते कि लाइसेंसधारक नियमानुसार संचालन करें और राज्य के निगरानी तंत्र में कोई कमी न आए। साथ ही, नई नीति से रोजगार सृजन, स्थानीय कच्चे माल की मांग और सप्लाई चैन में सुधार जैसी सकारात्मक प्रभाव भी अपेक्षित हैं।