दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल को अब 20 अगस्त तक जेल में रहना होगा। दिल्ली की एक अदालत ने उनकी न्यायिक हिरासत को एक सप्ताह और बढ़ा दिया है। यह मामला 2021-22 के दिल्ली एक्साइज नीति से संबंधित कथित अनियमितताओं को लेकर है, जिसके कारण इस नीति को अब रद्द कर दिया गया है।
55 वर्षीय केजरीवाल को न्यायिक हिरासत की समाप्ति के उपरांत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विशेष जज कावेरी बावेजा के सामने पेश किया गया। प्रारंभ में, उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद 26 जून को सीबीआई ने उन्हें हिरासत में लिया और 29 जून को न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।
सीबीआई ने इस मामले में 30 जुलाई को चौथे पूरक आरोप पत्र में केजरीवाल को प्रमुख साजिशकर्ता के रूप में नामित किया है। इस आरोप पत्र की सुनवाई 12 अगस्त को निर्धारित की गई है। बावजूद इसके कि केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने 12 जुलाई को ईडी मामले में अंतरिम जमानत दे दी थी, उन्हें सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए जाने के कारण अभी भी जेल में रहना पड़ रहा है।
केजरीवाल की जमानत याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट ने 5 अगस्त को खारिज कर दी। वे इस मामले में गिरफ्तार होने वाले तीसरे आप नेता हैं, उनसे पहले पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और राज्यसभा सांसद संजय सिंह को भी गिरफ्तार किया गया था।
इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को मई 10 से लेकर 1 जून तक की अंतरिम जमानत दी थी ताकि वे लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार कर सकें। हालांकि, इस दौरान भी उनके खिलाफ चल रहे मामलों की गंभीरता को देखते हुए उनकी हिरासत को बढ़ा दिया गया है।
आम आदमी पार्टी के समर्थकों और कार्यकर्ताओं केजरीवाल की गिरफ्तारी के विरोध में कई प्रदर्शन किए हैं और उनकी रिहाई की मांग की है। दूसरी ओर, विपक्षी दलों ने इन गिरफ्तारियों को सरकार द्वारा एक महत्वपूर्ण कदम बताया है और उम्मीद जताई है कि न्याय प्रक्रिया के अनुसार सही निर्णय लिया जाएगा।
मामले की संपूर्णता और गंभीरता को देखते हुए, यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में इस मामले में कौन-से नए मोड़ आते हैं और किस तरह के नतीजे सामने आते हैं।