भारतीय शेयर बाजार ने 23 जुलाई, 2024 को पेश हुए बजट 2024 की घोषणा पर निराशाजनक प्रतिक्रिया दी। निवेशकों की उम्मीद थी कि बजट में भारी पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) और बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, लेकिन सेंसेक्स 73 अंक की गिरावट के साथ बंद हुआ और निफ्टी 24,500 के नीचे चला गया।
बजट घोषणा के बावजूद, कुछ कंपनियों के शेयरों में वृद्धि देखने को मिला। टाइटन के शेयरों में 7% की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (HUL) के शेयर 1% उपर गए। यह बाजार की मिली-जुली प्रतिक्रिया को दर्शाता है, जहाँ कुछ निवेशकों ने इन शेयरों में रुचि दिखाई।
बजट से पहले बाजार में कुछ अस्थिरता देखी गई, जहां निवेशकों ने छोटे लाभ और हानि का सामना किया। बाजार में लगातार उतार-चढ़ाव बना रहा, जिससे मुद्रा व्यापारियों और निवेशकों के लिए अनिश्चितता बनी रही।
कोटक महिंद्रा एएमसी की शिबानी सरकार कुरियन ने कैपेक्स और बुनियादी ढांचे के विकास पर सरकार के जोर को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने बताया कि इस बजट में लंबी अवधि के बुनियादी ढांचे के प्रोजेक्ट्स को वित्तीय समर्थन देने की योजना को प्रमुखता दी गई है।
एडलवाइस एएमसी की एमडी और सीईओ राधिका गुप्ता ने इस बजट की महत्ता पर जोर दिया और कहा कि यह अगले पांच साल के लिए सरकार की आर्थिक योजना को दिशा देगा।
यूरो और अन्य प्रमुख मुद्राएँ स्थिर रहीं, जबकि सोने की कीमतों में स्थिरता देखी गई। यह अमेरिका के आर्थिक आंकड़ों की प्रतीक्षा में था। तेल की कीमतों में लगातार तीसरे सत्र के लिए गिरावट रही, जिसका कारण तेल आपूर्ति में वृद्धि और मांग में कमी बताया गया।
बजट की घोषणा तक 10 वर्षीय सरकारी बॉन्ड की यील्ड 6.95% से 6.97% के बीच अस्थिर थी। निवेशक इस सीमा के भीतर ही बने रहे, जब तक कि बजट की घोषणा नहीं हो गई।
संक्षेप में, भारतीय शेयर बाजार ने बजट 2024 की घोषणा पर संतुलित प्रतिक्रिया दी। कुछ शेयरों में वृद्धि हुई, जबकि प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट दर्ज की गई। निवेशक अभी भी सरकार की अगली आर्थिक रणनीतियों की दिशा पर नज़र रख रहे हैं। आने वाले दिनों में, यह देखना दिलचस्प होगा कि बाजार इन नीतियों पर कैसी प्रतिक्रिया देता है।