दिल्ली की राउस एवेन्यू अदालत ने हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शराब नीति के कथित घोटाले के सिलसिले में तीन दिन की सीबीआई हिरासत में भेजा है। सीबीआई ने पाँच दिन की हिरासत की मांग की थी, ताकि केजरीवाल को अन्य आरोपियों और मामले से जुड़े दस्तावेज़ों के साथ आमने-सामने किया जा सके। इस मामले में सीबीआई ने कई गंभीर आरोप लगाए हैं, जिनमें मुख्यतः अवैध धन उगाही और नीतिगत अनियमितता शामिल है।
सीबीआई के अनुसार, यह मामला दिल्ली की शराब नीति से जुड़ा हुआ है जो कोविड महामारी के दौरान लागू की गई थी। सीबीआई के वकील डीपी सिंह ने अदालत को सूचित किया कि एक व्यक्ति ने केजरीवाल से मिलकर इस नीति को तैयार किया था। इस मुलाकात में मुख्य भूमिका निभाने वाले सांसद मगुनता श्रीनिवास रेड्डी थे, जो साउथ ग्रुप का एक महत्वपूर्ण सदस्य हैं। सीबीआई का दावा है कि रेड्डी की रिपोर्ट, जो साउथ ग्रुप के कहने पर तैयार की गई थी, शराब नीति का आधार बनी।
सीबीआई ने आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल ने रेड्डी को शराब व्यवसाय में समर्थन और मदद का आश्वासन दिया था। इसके बदले में केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी (AAP) के लिए धन की मांग की थी। सीबीआई के अनुसार, रेड्डी ने भारत राष्ट्र समिति (BRS) के नेता के कविता से 15 करोड़ रुपये की मांग की थी और यह सब कुछ केजरीवाल के ज्ञान में था।
सीबीआई की पैरवी करते हुए वकील डीपी सिंह ने बताया कि केजरीवाल महत्वपूर्ण सबूतों और तथ्यों से सम्बंधित जानकारी को नकार रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि रोज़ाना के काम-काज में विजय नायर नाम के व्यक्ति ने केजरीवाल के तहत काम किया था। हालांकि, केजरीवाल का कहना है कि विजय नायर मुख्य रूप से आतिशी मार्लेना और सौरभ भारद्वाज के तहत काम करते थे।
सीबीआई के अधिकारियों ने इस मामले में गहन पूछताछ की आवश्यकता बताई है। वह केजरीवाल से यह जानना चाहते हैं कि उन्होंने शराब नीति के निर्माण में सीधे तौर पर क्या भूमिका निभाई और उन्होंने किन किन लोगों के साथ इस मामले में बातचीत की। सीबीआई का मानना है कि हिरासत में लेकर पूछताछ करना इस मामले से जुड़े सभी रहस्यों को उजागर कर सकेगा।
ध्यान देने योग्य यह है कि यह मामला केवल दिल्ली की शराब नीति तक सीमित नहीं है, बल्कि इसकी जड़ें विदेशी फंडिंग और संभावित राजनीतिक गठजोड़ों तक भी फैली हुई हैं। यदि सीबीआई के आरोप सिद्ध होते हैं, तो इससे सिर्फ़ राजनीतिक भूचाल ही नहीं आएगा, बल्कि यह देश की राजनीति में बहुत बड़े परिवर्तन उत्पन्न कर सकता है।
इसी बीच, केजरीवाल ने सभी आरोपों को निराधार बताते हुए कहा है कि यह सब राजनीतिक प्रतिशोध के तहत हो रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि सीबीआई का यह कदम एक योजनाबद्ध साजिश का हिस्सा है, जिसका लक्ष्य उन्हें और उनकी पार्टी को बदनाम करना है। केजरीवाल ने विश्वास जताया कि सच सामने आएगा और न्याय उन्हें न्यायसंगत ठहराएगा। उनकी गिरफ्तारी ने आम आदमी पार्टी के समर्थकों और विरोधियों में एक नई बहस को जन्म दे दिया है।
इस मामले के आगामी दिनों में और भी खुलासे हो सकते हैं। देशभर में इस मामले की गूंज सुनाई दे रही है और राजनीतिक गलियारों में हलचल मची हुई है। न्यायालय में होने वाली अगली सुनवाई और सीबीआई की जांच प्रक्रिया से भविष्य के घटनाक्रम पर गहरी रोशनी डाली जा सकेगी।