भारत सरकार ने फरवरी 2025 में पूर्व रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव-2 के रूप में नियुक्त किया है। यह नियुक्ति तब तक प्रभावी रहेगी जब तक प्रधानमंत्री की अवधि है या उसके पहले आदेश तक। इस नियुक्ति से सरकार को आर्थिक विषयों पर अनुभवी नेतृत्व मिलेगा।
1980 बैच के तमिलनाडु कैडर के आईएएस अधिकारी, शक्तिकांत दास ने दिसंबर 2024 में छह साल के बाद RBI गवर्नर के रूप में सेवानिवृत्ति ली। उन्होंने इस दौरान आर्थिक संकटों से निपटने का काम किया और देश के बैंकिंग सेक्टर में सुधार किया। वो आर्थिक मामलों के सचिव रह चुके हैं और उन्होंने 2016 में जीएसटी लागू करने और नोटबंदी का प्रबंधन किया।
RBI के गवर्नर के रूप में, उन्होंने गैर-बैंकिंग वित्तीय सेक्टर में संकट को हल करने के लिए कदम उठाए और भारतीय बैंकों की ग्रॉस नॉन-पर्फॉर्मिंग एसेट्स (GNPAs) को 2018 के 10.8% से घटाकर मार्च 2024 तक 2.8% तक किया। यह सफलता दास की आर्थिक रणनीतियों और वित्तीय निरीक्षण का परिणाम थी।
2019 में सरकार को 1.76 लाख करोड़ रुपये का अधिशेष स्थानांतरण खास चर्चा में रहा। उन्होंने भारत का प्रतिनिधित्व G20, IMF और BRICS जैसे वैश्विक मंचों पर किया और G20 बैठकों के लिए भारत के शेरपा के रूप में सेवा की। उनका इतिहास में डिग्री सेंट स्टीफेन्स कॉलेज, दिल्ली से और सार्वजनिक प्रशासन में मास्टर्स यूनिवर्सिटी ऑफ बर्मिंघम से है।
दास के इस नए पदभार के साथ, भारत को उनके अनुभव का लाभ मिलने की उम्मीद है, खासकर जब दुनिया भर में आर्थिक अनिश्चिताओं का माहौल है।